2. रस का अनुभाव मनोगत भाव को वक करने के चलए शरीर चवकार को अनुभाव कहते है। वारी और अंगो ंके अचभनय दारा चजनसे अथ् पकट होता है उन े अनुभाव कहते है। अनुभवों की कोई संखा चनचचत नही ंहई है। जो आठ अनुभाव ... करुण रस की परिभाषा (Definition of Karun Ras ) जहाँ पर पुनः मिलने कि आशा समाप्त हो जाती है करुण रस कहलाता है इसमें निःश्वास, छाती पीटना, रोना, भूमि पर गिरना आदि का भाव व्यक्त होता है। or किसी प्रिय व्यक्ति के चिर ... वीर रस का आसान उदाहरण || वीर रस का सबसे आसान उदाहरण #shorts #short #hindiclass10 #hindiclass9वीर रस,वीर ... वीर रस के उदाहरण – Veer Ras Ke Udaharan 1. मैं सत्य कहता हूँ सखे, सुकुमार मत जानो मुझे, यमराज से भी युद्ध में, प्रस्तुत सदा मानो मुझे ।